टाइटैनिक

Kundan
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1.टाइटैनिक अपने समय का दुनिया का सबसे बड़ा समुंद्री जहाज़ था। यह उस समय इंसान द्वारा बनाई गई सबसे बड़ी चीज़ थी।

2.टाइटैनिक जहाज़ को 31 मार्च, 1909 को तीन हज़ार लोगों की टीम ने बनाना शुरू किया और सिर्फ 26 महीनों में यानि कि 31 मई, 1911 तक इसे बना डाला। यह जहाज़ तीन फुटबाल के मैदानों जितना बड़ा था और 31 मई 1911 को इसे देखने के लिए एक लाख से ज्यादा लोग आए थे।

3.जहाज़ के हिमपर्वत से टकराते ही जहाज़ पर खौफ़ का माहौल पैदा हो गया, पर संकट के समय में कुछ समझदार लोग आगे आए और उन्होंने लोगो को धैर्य बधाया। जहाज़ पर मौजूद लाइफबोटस से बच्चों और औरतो को सुरक्षित जहाज से उतारा जाने लगा।

4.बर्फ के पहाड़ से से टक्कर के लगभग 2 घंटे 40 मिनट बाद यह जहाज पूरी तरह से समुंद्र में डूब गया। (रात 11:40 से 2:20 तक)

5.टाइटैनिक जहाज़ पर सिर्फ 20 लाइफबोटस ही थी, जो इसके केवल एक तिहाई लोगों को बचाने के लिए पर्याप्त थी, अगर जहाज़ पर ज्यादा लाइफबोटस होती तो शायद इतने लोगों की जान नही जाती।

6.इस दुर्घटना में मरे सिर्फ 306 लोगों की लाशे ही मिल पाई थी।

7.टाइटैनिक दुर्घटना उत्तरी अटलांटिक सागर में हुई थी, जहाज का मलबा ढूंढ़ने में 73 साल लग गए। काफी कोशिशों के बाद 1 सितंबर 1985 को टाइटैनिक का मलबा ढूंढ लिया गया।

8.आपको जानकर हैरानी होगी की समुंद्र में टाइटैनिक जहाज के दो टुकड़े हुए पड़े है, दोनो टुकड़ों की आपस में दूरी लगभग 600 मीटर की है। इसके सिवाए इस मलबे के 5 किलोमीटर के दायरे में जहाज की कई और चीज़ों समेत लोगों की कई चीज़ें भी मिली जो इस जहाज में सफर कर रहे थे।

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